ज्यादातर देखा जाए तो माता पिता के पास कफ सिरप की एक बोतल होती ही है। रात में एक चम्मच सरप कई बार बच्चों की देखभाल का आसान उपाय लगता है।
हालांकि, हाल की त्रासदीयो से पता चलता है कि कभी-कभी वही चम्मच जहरीला साबित हो सकता है।
भारत, गांबिया, इंडोनेशिया और अन्य देशों में बच्चों की मौत दूषित कफ सिरप के कारण हुई है, जिम जहरीले रसायन मिले थे। चौकाने वाली बात तो यह थी कि यह कंटेनर सही ढंग से लेबल किए गए थे, बैच किए गए थे और स्वीकृत भी थे।
तो सवाल यह है कि आप अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कर सकते हैं?
क्या खतरा है?

डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और कभी-कभी एथिलीन ग्लाइकोल (EG) — ये औद्योगिक रसायन (जो एंटीफ्रीज़ में पाए जाते हैं, दवा में नहीं) — कई ऐसी त्रासदियों के जिम्मेदार रहे हैं।
इनका स्वाद मीठा होता है, इसलिए बच्चे इन्हें आसानी से पी लेते हैं।
यहां तक कि छोटी मात्रा भी किडनी, लिवर और दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
लक्षणों में उल्टी, नींद आना और पेशाब कम होना शामिल है, जो गुर्दे की गंभीर चोट का कारण बन सकते हैं।
2022 में गाम्बिया में दूषित सिरप के सेवन से कम से कम 70 बच्चों की मौत हुई थी (WHO, 2023)। भारत में भी 1970 के दशक से ऐसे मामले दर्ज हैं। 2020 में जम्मू में DEG विषाक्तता से लगभग 12 बच्चों की मौत हुई थी।
भारत में हाल के मामले (2025 अपडेट)
- मध्य प्रदेश (छिंदवाड़ा): संदिग्ध दूषित कफ सिरप लेने के बाद नौ बच्चों की मौत हुई (New Indian Express, 2025)।
- राजस्थान (सीकर): डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न वाले सिरप से दो बच्चों की मौत हुई। बैच की जांच जारी है (Times of India, 2025)।
⚠️ स्वास्थ्य मंत्रालय सलाह देता है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों में कफ सिरप से पूरी तरह बचना चाहिए। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी केवल आवश्यकता पड़ने पर ही देना चाहिए (News on Air, 2025)।
ऐसा क्यों होता रहता है?
मुख्य कारण आपूर्ति श्रृंखला में छिपा है:
- ग्लिसरीन जैसे कच्चे माल को दवा कंपनियां अक्सर स्थानीय स्तर पर खरीदती हैं।
- बेचे जाने के बाद इन सामग्रियों का कई बार दोबारा परीक्षण नहीं होता।
- यदि एक बैच दूषित हो जाए तो पूरी चेन प्रभावित हो जाती है।
💡 यह हमेशा किसी “खराब कंपनी” की वजह से नहीं होता, बल्कि कभी-कभी सुरक्षा प्रणाली की कमजोरी से भी होता है।
हाल के नियामक अपडेट दिखाते हैं:
- WHO अब HPTLC और गैस क्रोमैटोग्राफी जैसी तकनीकों से DEG/EG संदूषण की पहचान करने की सिफारिश करता है (WHO, 2023)।
- अंतरराष्ट्रीय अध्ययन ने दिखाया है कि ग्लिसरीन जैसे सहायकों की आपूर्ति श्रृंखला जोखिम का बड़ा कारण हो सकती है।
30 सेकंड की सुरक्षा जांच (हर बार करें!)

अपने बच्चे को कोई भी सिरप देने से पहले:
- ✅ निर्माता और लाइसेंस नंबर देखें। यदि केवल “मार्केटेड बाय…” लिखा हो और निर्माता का नाम न हो तो सावधान रहें।
- ✅ बैच नंबर चेक करें। ऑनलाइन ब्रांड + बैच नंबर खोजें। यदि रिकॉल अलर्ट दिखे तो उस सिरप का इस्तेमाल न करें।
- ✅ दिखावट और गंध जांचें। सुरक्षित सिरप साफ और समान रंग के होते हैं। रासायनिक गंध, तैलीय या धुंधले सिरप पर भरोसा न करें।
- ✅ खुलने के एक महीने के भीतर उपयोग करें। बोतल पर खुलने की तारीख लिखें और 30 दिन बाद फेंक दें, भले ही एक्सपायरी डेट बाकी हो।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं
6 साल से कम उम्र के बच्चों को सामान्य खांसी में कफ सिरप की आवश्यकता शायद ही होती है। यह आमतौर पर वायरल और खुद ठीक होने वाली समस्या है (AAP, 2018)।

1 साल से अधिक उम्र के बच्चों में, शहद रात की खांसी और नींद की समस्या को कम कर सकता है।
❌ कभी भी बच्चों को वयस्क सिरप न दें — यहां तक कि थोड़ी मात्रा में भी।
🩺 बाल रोग विशेषज्ञ कहते हैं: “अगर बच्चा आराम से सांस ले रहा है और पानी पी रहा है तो खांसी इंतजार कर सकती है। लेकिन दूषित सिरप? उसका नुकसान स्थायी हो सकता है।”
आज आप क्या कर सकते हैं
- अपने दवा कैबिनेट की जांच करें और 30 सेकंड चेक अपनाएं।
- समाप्त हो चुके, संदिग्ध या बिना निर्माता वाले सिरप तुरंत फेंक दें।
- किसी प्रतिकूल असर की रिपोर्ट पीवीपीआई हेल्पलाइन (1800-180-3024) या ipc.gov.in पर करें।
- अपने डॉक्टर से पूछें: “क्या बच्चे को सच में सिरप की जरूरत है या इंतजार करना बेहतर है?”
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए डिजिटल डिटॉक्स: बिना किसी झगड़े या आँसू के स्क्रीन की लत को तोड़ने के कोमल तरीके
आंत का स्वास्थ्य और आपके बच्चे का मूड: भोजन कैसे व्यवहार और फोकस को आकार देता है
अच्छी खबर: बदलाव आ रहा है
भारत अब QR-कोडेड ड्रग पैक ला रहा है जिससे दवा के इतिहास को स्कैन और ट्रेस किया जा सकेगा। WHO ने भी नए परीक्षण मानक जारी किए हैं ताकि संदूषण आसानी से पकड़ा जा सके।
जब तक यह पूरी तरह लागू न हो, सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
निचला सार
मामूली खांसी आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन जहरीला सिरप बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है।
सतर्क रहें। अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करें। यदि कोई दवा संदिग्ध लगे तो उसका उपयोग न करें। केवल डॉक्टर द्वारा लिखे गए सिरप पर ही भरोसा करें।
लेखक के बारे में
डॉ. कोमल एक चिकित्सा लेखक और स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ हैं, जो परिवारों के लिए स्वास्थ्य विज्ञान को सरल भाषा में समझाते हैं। उनका काम चिकित्सा शोध और रोजमर्रा की पैरेंटिंग को जोड़ने पर केंद्रित है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अपने बच्चे को कोई भी दवा देने से पहले हमेशा अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।